विद्यालय पत्रिका सांगरी दर्पण पर आपका स्वागत है। आप यहां तक आए हैं तो कृपया अपनी राय से जरूर अवगत करवायें। जो जी को लगता हो कहें मगर भाषा के न्यूनतम आदर्शों का ख्याल रखें। हमने टिप्पणी के लिए सभी विकल्प खुले रखें है अनाम की स्थिति में अाप अपना नाम और स्थान जरूर लिखें । आपके स्नेहयुक्त सुझाव और टिप्पणीयां हमारा मार्गदर्शन करेंगे। कृपया टिप्पणी में मर्यादित हो इसका ध्यान रखे। यदि आप इस विद्यालय के विद्यार्थी रहें है तो SANGRIANS को जरूर देखें और अपना विवरण प्रेषित करें । आपका पुन: आभार।
आपदर्थे धनं रक्षेद दारान रक्षेद धनैरपि!आत्मान सतत रक्षेद दारैरपि धनैरपि!! विपति के समय काम आने वाले धन की रक्षा करें !धन से स्त्री की रक्षा करें और अपनी रक्षा धन और स्त्री से सदा करें!
एक टिप्पणी भेजें
विद्यालय पत्रिका सांगरी दर्पण पर आपका स्वागत है। आप यहां तक आए हैं तो कृपया अपनी राय से जरूर अवगत करवायें। जो जी को लगता हो कहें मगर भाषा के न्यूनतम आदर्शों का ख्याल रखें। हमने टिप्पणी के लिए सभी विकल्प खुले रखें है अनाम की स्थिति में अाप अपना नाम और स्थान जरूर लिखें । आपके स्नेहयुक्त सुझाव और टिप्पणीयां हमारा मार्गदर्शन करेंगे। कृपया टिप्पणी में मर्यादित हो इसका ध्यान रखे। यदि आप इस विद्यालय के विद्यार्थी रहें है तो SANGRIANS को जरूर देखें और अपना विवरण प्रेषित करें । आपका पुन: आभार।