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मौलाना अबुल कलाम आज़ाद 125 वां जन्म दिवस

मौलाना अबुल कलाम आज़ाद का जन्म 11 नवंबर , 1888 को मक्का  सऊदी अरब ) में हुआ था । इनका असली नाम मुहिउददीन अहमद था । बाद में इन्होंने अपना नाम बदलकर मौलाना अबुल कलाम ( उपनाम :-आज़ाद ) आज़ाद  रख लिया । 1890 में इनके पिता मोहम्मद खेरुददीन अपने परिवार समेत सऊदी अरब से भारत लौट आये । मौलाना भारत के प्रसिद्ध मुस्लिम नेता और विद्वान थे । ये महात्मा गाँधी के अहिंसा के सिद्धान्तों का पूर्ण जोर समर्थन करते थे इसलिए इन्होंने महात्मा गाँधी के असहयोग आंदोलन में सक्रिय रूप से भाग लिया। इन्होंने हिन्दू - मुस्लिम एकता के लिए बहुत सराहनीय कार्य किये । 1920 के प्रसिद्धखिलाफ़त आंदोलन के ये प्रमुख थे । 1923 में ये राष्ट्रीय भारतीय कांग्रेस के सबसे कम उम्र के अध्यक्ष बने । भारत की आज़ादी के बाद मौलाना स्वतंत्र भारत के प्रथम शिक्षा मंत्री निर्वाचित हुए ।  उन्होंने ग्यारह वर्षो तक राष्ट्र की नीति का मार्गदर्शन किया। भारत के पहले शिक्षा मंत्री बनने पर उन्होंने नि:शुल्क शिक्षा, भारतीय शिक्षा पद्धति, उच्च शिक्षा संस्थानों की स्थापना में अत्यधिक के साथ कार्य किया। मौलाना आज़ाद को ही 'भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान' अर्थात 'आई.आई.टी. और 'विश्वविद्यालय अनुदान आयोग' की स्थापना का श्रेय है। वे संपूर्ण भारत में 10+2+3 की समान शिक्षा संरचना के पक्षधर रहे। यदि मौलाना अबुल कलाम आज ज़िंदा होते तो वे नि:शुल्क शिक्षा के अधिकार विधेयक को संसद की स्वीकृति के लिए दी जाने वाली मंत्रिमंडलीय मंजूरी को देखकर बेहद प्रसन्न होते। शिक्षा का अधिकार विधेयक के अंतर्गत नि:शुल्क और अनिवार्य शिक्षा एक मौलिक अधिकार है।
22 फ़रवरी , 1958 कोदिल्ली ( भारत ) में इनका निधन हो गया । मौलाना स्वतंत्र  भारत के सबसे प्रसिद्ध और ईमानदार नेताओं में से एक थे । ये कवि , लेख़क और भारत के महान स्वतंत्रता सेनानी थे ।मौलाना अबुल कलाम आज़ाद के जन्मदिवस 11 नवम्बर को राष्ट्रीय शिक्षा दिवस घोषित किया गया है। हैदराबाद में उन्हीं के नाम पर 'मौलाना आज़ाद नेशनल उर्दू युनिवर्सिटी' स्थापित कर राष्ट्र की ओर से एक स्वतन्त्रता सेनानी, क्रान्तिकारी, पत्रकार, समाजसुधारक, शिक्षा विशेषज्ञ और अभूतपूर्व शिक्षा मंत्री को श्रृद्धांजली दी गयी है। मौलाना अबुल कलाम आजाद के 125 वें जन्म दिवस पर उनको शत - शत नमन । 

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