
बडागांव के सतीश वर्मा ने एक छोटी से आयु में स्थानीय विद्यालय और अन्य युवाओं को राष्ट्र सेवा का सन्देश दिया ! 21 अप्रेल 1972 को पिता करम चंद और माता अमलू देवी के घर जन्मे सतीश वर्मा ने राजकीय वरिष्ठ माद्यमिक पाठशाला बडागांव से मार्च 1988 में दसवी की परीक्षा पास की और द्वितीय बटालियन डोगरा रेजिमेंट में भारती हुए ! साहसिक कामों के परिणाम स्वरुप सतीश वर्मा को अनेक प्रन्संसा पात्र दिए गए ! 1991 से 93 में इन्होने जालंधर के सी ऐ आपरेशन के दौरान काकड़ सेक्टर में दुश्मनों का जम कर सामना किया और कारगिल की ऊँची चोटी ओ पी हिल पर कब्जा करने के दौरान सुरक्षा में महत्वपूरण भूमिका निभाई ! ओपरेशन के समय वे राजस्थान में तेनात थे ! इसके बाद जून 2001 में इन्हें मश्कोह घाटी कारगिल भेजा गया जहाँ सतीश वर्मा को सिपाही से लांस नायक की पदौनती दी गई ! 11 जुलाई 2001 को द्वितीय बटालियन डोगरा रेजिमेंट के सी आई ओपरेशन के समय गुरेज सेक्टर के ब्रोब गाँव में पेट्रोलिंग लाइन पर चोकसी के दौरान दुश्मनों से मुठभेड़ हुई ! इसमें सतीश वर्मा ने तीन दुश्मनों को ढेर किया ! और स्वयं भी मातृभूमि पकी रक्षा करते हुए शहीद हो गए ! 15 जुलाई 2001 को शहीद सतीश वर्मा का अंतिम संस्कार राजकीय वरिषीथ माद्यमिक पाठशाला बडागांव के मैदान में किया गया ! गाँव के लोगों सतीश वर्मा के सहपाठियों परिवारजनों और 1832 एलटी रेजिमेंट के कमांड ऑफिसर ऐ के मोरे सहित मेजर जे सी ओ तथा सेना के जवानों रामपुर बुशेहर के एस डी एम अरविन्द शुक्ला डी एस पी रामपुर बुशेहर सहित अनेक लोगो ने शहीद सतीश वर्मा को श्रधासुमन अर्पित किये ! पाठशाला परिसर में शहीद सतीश की प्रतिमा विद्यालय के छात्रों को राष्ट्र सेवा के लिए प्रेरित करती है !
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शहीद सतीश वर्मा को सलाम!!
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